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बी बहार!

कैसे हम भुला दिये कश्मीर की पुकार!?  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!  दिल्ली वाले सोचते हैं ये आखिरी प्रहार  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!    in क्या इरादा मुल्क जो करता है ज़ुल्म बार बार!  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!  दिन नहीं गिनते पर उस दिन का इंतजार,  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!    परेशां है अम्मी, मुस्कराते बच्चों को देती पुकार,  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!  वर्दी की मनमरजी है, जमहूरियत तार-तार  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!  बोलने पर बंदिशें और सुनने को नहीं तैयार  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!!  देख हाल हमारा हंसते है, आप हैं बीमार  वन्द (च)साल: शीन गाल: बी ए बहार!! 

बचे बच्चे!

बच्चे मन के सच्चे, 'बड़े' कान के कच्चे, मज़हब ढोंग दिखावा, भारत भाग विधाता!   कहने की बात की बच्चों में भगवान है, सच्चाई ये की आधे-अधूरे इंसान हैं!   वो तोड़ते पत्थर धूल से लथपथ कर, आप तालियां बजाइए चाँद की यात्रा पर! बच्चे हमारा भविष्य हैं, कहावत है, लाखों भूखे-नंगे है किसकी ज़हालत है!?    कचरे में चुनते हैं धड़कन ज़िंदा बच्चे, मुर्दा बचपन! बच्चे सब को प्यारे हैं, फिर क्यों? अनगिनत बेचारे हैं!? बच्चों के लिए सबको बड़ा प्यार है, इस प्यार के लाखों बड़े गुनहगार हैं! 'अपने ही'बच्चों को सब ज़ख्म देते हैं! फिर भी हम अपनों की कसम लेते हैं? अगर एक भी बच्चा भूखा है, तो देशभक्ति का इरादा झूठा है!

सियासत तमाम!

सियासत जुल्म है, हुक्मरान कातिल, शिक़ायत करें, किससे, क्या हांसिल! बड़ी कारोबारी सरकार है, मज़हब इसका व्यापार है। वो सरकार जिसका मज़हबी सरोकार है, सोचा जाए तो मानसिक रूप से बीमार है! सरकार धर्म की ठेकेदार बनी है, छाँट-बांट -काट की नीति चुनी है! आज कल ताज़ा खबर है, नफरत सियासत का घर है! इंसानियत की क्यों सरहदें हैं? हैवानियत क्यों सरकार हुई है?  मौत सरकार हो गयी है, बड़ा कारोबार हो गई है!!  इंसाफ़ कटघरे में खड़ा है, सियासत चिकना घड़ा है! गायगर्दी कीजिए, सरकारी काम है, गुनाहगारों को अब रामनाम है!!

फार्मूला-ए-देशप्रेम!

देश भक्त होना कितना आसान है, घर बैठे बैठे करने का ये काम है, सरकार ने नए फॉर्मूले बनाए हैं, माँ कसम, इतने सरल उपाय हैं! फॉर्मूला नम्बर 1 "ख़ामोशी सोना है" बोल कर क्या होना है? चुप रहिए, "शांत रहो", अपने ज़मीर को कहिए, सरकार, जनता की, जनता के लिए, गलत कुछ कर नहीं सकती, आपको यूँही शक है, और शक का कोई इलाज नहीं, इस फॉर्मूले को प्रधानमंत्री का सपोर्ट है, अगर आप नहीं करते तो आपके मन में खोट है, आप देश द्रोही हैं, और आपको डंडा मिलेगा, सख्ती से आपको सच मिलेगा! फार्मूला नंबर 2 लाईन में खड़े हो, जितनी लंबी लाईन, जितनी देर, आप खड़े खड़े समय बिताएंगे, आप अपने आप देशभक्त गिने जाएंगे, पैसा तो वैसे भी हाथों का मैल है, आज नहीं तो कल, ...कल....कल हाथ आ जायेगा! अब ख़ाली ज़ेब वाला भी, देशभक्त कहलायेगा! (चेतावनी "मेरा नम्बर कब आएगा" ये पूछना पाप है, ) लाइन में खड़े रहने, आपके लिए एक जाप है, इसमें राम बाबा की छाप है, पतन को अंजलि दीजिए, कहिए, 'अच्छे दिन आएंगे' ....साँस अंदर .....साँस बाहर फार्मूला नम्बर 3 लकी रंग अपनाएं, भगवा या ...

कानून की काठी बनाम भैंस की लाठी

आडवाणी मोदी शाह ठाकरे बेगुनाह मेमन गिलानी प्रो.साईबाबा, तीस्ता अपराधी यही सच है यही ताकत सत्यमेव बिकते कर लो जो कर सकते, मुँह में साइलेंसर आखों में वाइपर सच वही जो मेरे फ्लेट, मेरी गाड़ी के रस्ते न आये भाई हम सीधे साधे लोग है हाँ हाँ हम भी जो हो सके करते हैं गीले और सूखे कचरे के लिए हमने अलग डब्बा रखा है अब हर कोई तो... टीवी चैनल पे तो ऐसी कोई बात नहीं हम कैसे आपकी बात मान लें अब सुप्रीम कोर्ट ने बोला है तो हाँ देखा तो था, वो दातृ की पचास करोड़ की प्रॉपर्टी, बड़े लोग है....हैं हैं हैं हमें अपनी जिंदगी जीने दो हमें नहीं समझता... हमें तो सब ही अपराधी लगते है अब क्या करेंगे.......