अपने ही अपनों के बाप हो रहे हैं, आजकल सब घूंसा लात हो रहे हैं! सुनना किसे है, बोलना सबको हैं, जो नहीं चाहिए वो जमात हो रहे हैं। लंबी लड़ाई है ओ सब को जल्दी है, नतीज़ों के सब हालात हो रहे हैं! सवाल मत पूछो इन हुक्मरानों से, ताकत को सब आदाब हो रहे हैं! सच इश्तेहार नहीं, इश्तेहार सच है, काले पैसे किस के आबाद हो रहे हैं? रज़ामंद हो या पाकिस्तान चले जाओ देश भक्ति के नए जज़्बात हो रहे हैं! प्रधान मन की बात, मनमानी है, जुमले सारे ख़यालात हो रहे हैं! अपनी बात तय, है उसी की जय-जय एकतरफ़ा सब ताल्लुकात हो रहे हैं! मंदिर वहीं बनाते, गाय कहाँ ले जाते? कातिल आपके सवालात हो रहे हैं!!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।