खोज, शोध, अविष्कार, तलाश परिपक्व, पुर्ण, सम्पुर्ण तक पहुँचने का विचार जीवन का अर्थ पाने के लिये, जीवन का तिरस्कार? कमजोरियॊं को अलग कर, पुर्णता पाने का प्रयास? पर सोचो! बिना अंधकार प्रकाश का क्या अर्थ मृत्यू नहीं तो कौन तलाशेगा, जीवन-अर्थ सरल सा विचार है, Nothing is Perfect अर्थ? कुछ भी पुर्ण नहीं, परिपक्व नहीं अनर्थ समझ-समझ की बात है! प्रकृति के साथ हमारी दौड़ में प्रकृति को पीछे छोड़ने की होड़ में ज्ञान के अंहकार में कहीं हम सब कुछ नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे ? इस तेज़ रफ्तार जिंदगी में हम कुछ ज्यादा आगे तो नहीं निकल आये? जरा पीछे जायें! पुरानी कहावत है “जो बोओगे, वही काटोगे" पर आज कल गंगा उल्टी बह रही है हम ने काट लिया है अब बो रहे हैं ऐसा नही लगता ___? हम इस सभ्यता में भी सो रहे हैं?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।