ज़रा सा उनका मुस्कराना है ज़रा सा हमको पास जाना है ज़रा सी भूल हमसे हो ज़रा सा उनको भूल जाना है! ज़रा सी सख्तियाँ उनकी ज़रा सी नाज़ुक मिज़ाजी, ज़रा से बेशरमियाँ मेरी, ज़रा सी हाज़िर-जवाबी ज़रा से रास्ते दिल के ज़रा सा साथ में चल के ज़रा सी उम्मीदें उनकी ज़रा सी मेरी जिद्दें हैं, ज़रा सी आवारगी में हम, ज़रा से उनके नखरे हैं, ज़रा है साथ ये हरदम, ज़रा से फ़िर भी बिखरे है ज़रा से अजनबी हम हैं, ज़रा सो वो हैं पहचाने ज़रा सा दूर से देखें ज़रा करीब कब आएं! ज़रा से हम उनके हैं, जरा से वो हमारे हैं, ज़रा सा बह रहे हैं वो ज़रा सा हम किनारे हैं ज़रा से ज़ख्म उनके भी ज़रा से दर्द हमारे हैं ज़रा सा इश्क ये ऐसा ज़रा से हम बेचारे हैं ज़रा सा मौसम बेइमान ज़रा सी सफ़र कि थकान ज़रा सा हाथ कंधों पे ज़रा सा काम यूँ आसान
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।