खूबसूरती क्या है? क्या है .... दिल और दिमाग, जब एक होकर किसी मधुर सच्चाई से मिलते हैं आराम से निश्चिन्त होकर, बिना किसी रूकावट उस पल की... खूबसूरती का एहसास क्या है ? खूबसूरती! इसके मायने जिंदगी को लाज़मी हैं पर क्या हम, इस खूबसूरत एहसास की तरफ जीवंत हैं ? या फिर अपने विचारों की सुरंग में ही, अपने जीवन का अंत है! नदी, तालाब, पहाड़ों से बहता, हरियाली का सैलाब, इस खूबसूरती के बीच रहकर, हम अगर धुप छांव नहीं खेल रहे तो क्या हम जी रहे हैं ? (जिद्दू कृष्णमूर्ति के आलेखों से अनुरचित)
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।