रास्ते में हम मुस्कराए तो वो सलाम करते हैं, आसानी से एक दूसरे को इंसान करते हैं! फेसबुक पर ज़रा बहस हुई कि इतने हैरान हो गए, आसानी से अपनों को शैतान करते हैं! टीवी पर कह दी दो मन लुभावन बातें जयहिंद बोल, ज़रा से मेकअप से उनको भगवान करते हैं! न्यूज़ में दे रहे है ख़बर, डर कर, ज़ेब भर कर, कितनी झूठी खबरों को विधान करते हैं? भक्ति में धर्म के ठेकेदार बन कर दलाल बैठे हैं, वो कहें तो आप मस्ज़िद शमशान करते हैं? लॉकडाउन हुआ घर बैठ सब राम-किशन गान करते हैं, गरीब मजदूर हथेली में जान करते हैं? कोरोना क्या इतना डरा दिया कि अब लाइन करते हैं? अछूत बने हैं और झूठी शान करते हैं? पी एम केयर नॉट राहत के काम को भी वो दुकान करते हैं? अनमोल झूठ के आप कितने दाम करते हैं?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।