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दुआ सलाम!

रास्ते में हम मुस्कराए तो वो सलाम करते हैं, आसानी से एक दूसरे को इंसान करते हैं! फेसबुक पर ज़रा बहस हुई कि इतने हैरान हो गए, आसानी से अपनों को शैतान करते हैं! टीवी पर कह दी दो मन लुभावन बातें जयहिंद बोल, ज़रा से मेकअप से उनको भगवान करते हैं! न्यूज़ में दे रहे है ख़बर, डर कर, ज़ेब भर कर, कितनी झूठी खबरों को विधान करते हैं? भक्ति में धर्म के ठेकेदार बन कर दलाल बैठे हैं, वो कहें तो आप मस्ज़िद शमशान करते हैं? लॉकडाउन हुआ घर बैठ सब राम-किशन गान करते हैं, गरीब मजदूर हथेली में जान करते हैं? कोरोना क्या इतना डरा दिया कि अब लाइन करते हैं? अछूत बने हैं और झूठी शान करते हैं? पी एम केयर नॉट राहत के काम को भी वो दुकान करते हैं? अनमोल झूठ के आप कितने दाम करते हैं?

बिकाऊ सरकार!

बिक गए एक इश्तेहार बनकर, सर आये जो सरकार बनकर, उनकी शराफत के बड़े चर्चे हैं , जो सरपरस्त है गुनेहगार बनकर जियो(Jio) और जीने दो की बात, बिक गया ईमान बाज़ार बनकर! भरोसा(रिलायंस) करो दिन अच्छे की बात, अंधेर नगरी के चौपट राजा बनकर! फौजी की शहादत, 4G की वक़ालत, धंद्या हर गन्दा है सियासत बनकर! बाँटने छाँटने और काटने की बात, जमहूरियत चल रही रियासत बनकर! मन की बात और विरोध को लात, सच्चाइयाँ तंग हैं हालात बनकर! ! सच के पहलू ज़रा जांच-परख लें -  http://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/Reliance-Jio-got-530-million-undue-benefit-CAG/articleshow/47213222.cms?from=mdr

कौनसे सच?

सच महंगे होंगे तो जरूर बिकेंगे कहिये आप किस बाज़ार टिकेंगे? अकेले सच कोई नहीं लेता,  पहले आप के ही दाम लगायेंगे! आप खबर बस सुनते हैं या चुनते हैं? या सुन कर फिर अपने सच बुनते हैं सच जानने का दौर गया, सच मानने पर सब ज़ोर है! बना बना के सच बेचते है  लाशों पे अपनी रोटी सेंकते हैं बड़े शातिर है शैतान भुखों को मज़हब का चारा फ़ेंकते हैं! कैसे सच अपने आसान करें,  जब सामने झूठ पहलवान करे लाठी ले कर हाथ में कहें,  भैंस का चलना आसान करें! सच का भी मज़हब होता है, जात होती है, गौर कीजे, कोई लाठी उनके हाथ होती है! दिल से मागेंगे तो हर एक दुआ असर होगी, पर ज़रा सच चख के, छूटी कोई कसर होगी! सांच को आंच नहीं, हाथ कंगन को आरसी क्या, ताकत सर चढी तो हिंदी, संस्कृत फ़ारसी क्या? कैसे बनते हैं तमाम सच किस के मन की बात से? तमाम सपने टूटे पड़े हैं, झूठे इरादों को घात से!