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छुट्टी का दिन!

हुई कि नहीं सुबह? दिन निकल आया  रोशनी भी है पर ना सूरज है ना सुबह की चमक? हवा झकझोर रही है, बादल घनघोर रहे हैं, चाय का जायका वही है! पर असर अलग हो गया मौसम छुट्टी वाला है, पर यह कैसे समझे और किसे समझाएं? जुत गए हैं सुबह सब फिर से, कल को आज और आज को कल करने में! वही अपनी हाजिरी भरने में? बैल खेत जोत रही है, गधे घास  चर रहे हैं, भेड़ चाल चल रही है,  और हम इंसान सर्वोच्च प्राणी, आजाद, समझदार, चलिए जाने दीजिए देर हुई तो फिर ट्रैफिक में...

नाम - लड़की

नाम - लड़की जगह - कश्मीर  उम्र - कोई ठिकाना नहीं देश - घर के बाहर खड़े AK-47 (या वैसा ही कुछ) आर्मी वालों से पूछ कर बताउं?  जन्म दिवस - रोज़! अगर जिंदा बच गए तो तालीम - झुठी, गुमराह करने वाली (स्कूल की)      -----  144, कर्फ्यू, तलाशी, ताकत, बेइज्जती,  शौक - इज्ज़त, आज़ादी, आईने से आँख मिलाना घर में कौन कौन है - है या था? मौज़ूद या मिसिंग?  दोस्त - ज़िंदा या मुर्दा? स्कूल में या अस्पताल में? कोई सपना - 'दिन का?' - रात में चैन की नींद                    'रात का?' - "कश्मीर" आप किस बात से मुतासिर हैं, प्रेरित हैं?  -  कश्मीरियत पाँच साल बाद आप अपने आप को  ? पाँच साल? पहले दे दीजिए, पाँच साल? एक दिन ही दे दीजिए?

कश्मीरियत!

मुस्करा के अपने दर्द बयां करते हैं, यूँ लोग अपनी ज़िंदगी मकाँ करते हैं। खींच ली है जमीं पैर नीचे से, हम हैं के फिर भी सफ़र करते हैं! मुश्किल में मदद की जरूरत पड़ती है, हम मुश्किल में भी, सबकी मदद करते हैं! फौज को फ़ज़ा कर दिया है कश्मीर की, अब ज़ज़्बे से हम ये आबोहवा करते हैं! कश्मीर जग़ह नहीं सिर्फ हमारी वज़ह है, यूँही नहीं ये बात हम खूँ से बयां करते हैं! कश्मीर आइये आपको कश्मीरियत मिलेगी, अपनी मुश्किलों को हम नहीं दुकां करते हैं!

नज़र नजरिया नज़रअंदाज़!!

अंदाज़ इ नज़र से क्या अंदाज़ लगाएं, दिल की सुनें या अपना दिमाग लगाएं! मोहब्बत हरदम एकतरफ़ा ही होती है एक दूसरे से हो ये महज़ इत्तफ़ाक़ है! क्यों अफ़सोस है की आप नज़रअंदाज़ हैं, मोहब्बत ज़ेब में रख घूमने की चीज़ नहीं! इश्क़ है तो इंकार नज़रअंदाज़ क्यों, प्यार एहसास है दिल धड़काता है, सामान नहीं जो ख़रीदा जाता है??? अंदाज़ लगाएं उनकी नज़र से या नज़रअंदाज़ करें, समझ नहीं आता कहाँ से अफ़साना ए आगाज़ करें! बहुत सी अदाएं उनकी ओ एक अंदाज़ ए नज़र, तमाम तूफ़ान पाल रहे हैं और उस पर ये कहर! सच है कि उसने हमें नज़र अंदाज़ किया हमने भी इस सच को नज़रअंदाज़ किया! यूँ अब उनकी नज़रों के अंदाज़ हो गए, नज़र आये नहीं की नज़र-अंदाज़ हो गए? जब से उनका अंदाज़-ए-नज़र देखा, अपने आप को नज़र अंदाज़ कर दिया! अंदाज ए नज़र को नज़रअंदाज़ कीजे, दिल की बात है दिल से समझ लीजे! अंदाज़ नज़र का नज़र अंदाज़ कर दिया, हमने आगाज़ किया उसने अंजाम दे दिया!