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अजनबी मुल्क!

अजनबी अपने ही मुल्क में, यूँ हमसे वास्ता कर लिया? सब कट लिए अपने अपने रास्ते, क्यों हमने ये रास्ता कर लिया? हम यकायक सामने आए, उसने पतली गली को रास्ता कर लिया! घर से इतना दूर कैसे हो गए शहर ने ऐसा रिश्ता कर लिया! मजबूर हैं तो मदद मिल गई, मजदूर खस्ता हाल कर दिया! जितने थे यकीं सब टूट गए, मूरख थे सो भरोसा कर लिया! वंदे मातरम जबरन बुलवा के देश भक्त मूरख बना दिया! लाठी पुलिस की बोलती है,  इसने कब सरम कर  लिया? मेहनत बड़ी सस्ती है यहाँ, लंबा घर का रास्ता कर लिया! भूखे रहें बच्चे कि हाथ फ़ैलाएं इज्ज़त यूँ दरबदर कर दिया!  पूछते हैं के वापस आओगे? बेशर्म  शहर सवाल कर लिया! जात धरम सब याद दिलाए, सरकार ये कमाल कर दिया

देशद्रोही कौन?

देशभक्ति की हवा चली है, सब की तरह में भी भावनाओं में, बह गया हूँ, लगता है जो नहीं सहना था सह गया हूँ, देशभक्ति अब सड़कछाप गुंडागर्दी बनी है, कमजोर की आवाज़ उठाने वालों से ज़म कर तनी है सच हज़म कर सकते हैं तो सुनिए, आप हम सब देशद्रोही हैं, तरह तरह के आकार प्रकार में आते हैं, 1- देशभक्त देशद्रोही- ये हैं सबसे घातक देशद्रोही, इनके मुँह पे हमेशा भारत माँ का नारा है, ये भृष्ट हैं, गुंडे हैं, नेता, पत्रकार, खाकीधारी, भगवाप्रहरी, खुद आरोपी, खुद प्रहरी और कचेहरी! 2 - मूत्रमयी आज़ाद देशद्रोही - इनकी प्राथमिकता हर समय, हर जगह आज़ादी, ये अपने मूत्र को गंगा समझते हैं, और पुरे देश को रोज पवित्र करने का बीड़ा इनके हाथ है, उसी हाथ से ये बाकी काम भी करते हैं, ये अधिकतर मर्द होते हैं! 3- पूंजीवादी देशद्रोही - व्याख्या की जरुरत नहीं 4- टीवी देशद्रोही - ये सबसे ताजे देशद्रोही हैं, ताकतवर हैं, ये भगवान का बाज़ारी रूप हैं, 24 घंटे आपके रिमोट के अंदर रहते हैं ये पंडे हैं, आग और घी दोनों का मिश्रण इनको जीवन देता है! 5- मध्यमवर्गी देशद्रोही - ये गुस्सा में हैं, क्...

देशशक्ति - खोखली देशभक्ति!

हमे था जिसका इंतज़ार ये वो सहर तो नहीं, गाँव में नहीं रहता मुल्क, शहर में मिलता नहीं!  (हजारों लोग रोज गाँव से पलायन कर रहे हैं, और  शहर का कचरा बीनते हैं) न आज़ादी कि सहर हुई,  न जनतंत्र कि सुबह,  मज़हब, जातपात के मौसम कभी बदलते नहीं! जात-पात, धरम-भरम, अपनी अपनी जेब गरम, सौ चूहे खा बिल्ली बोले, जय भारत, वन्देमातरम (हमारे देश के नेताओं कि कहानी) कितने इरादों को कब्र करतें हैं, इस मुल्क में सब सब्र करते हैं! (मस्जिद टूट जाती है, दंगे करने वाले सम्राट बन जाते हैं, बलात्कारी दुल्हे बन जाते हैं) देशभक्ति अगर ज़ोर मार रही है, तो चंद सवाल आईने से पूछ लीजे? (क्या सारे देशभक्त ईमानदार हैं, नेता, अफ़सर,कारोबारी) जय है, भारत माता की जय है, देशभक्त गुंडों का बड़ा भय है! देशभक्तों की बडी गैंग बनी हैं, जो सावधान नहीं उसको विश्राम है! सच बात कहना अगर भय है, तो क्यों जय जय जय जय है? (देशभक्ति की बात आती है तो हमेशा मार-पीट क्यों होती है?) मस्जिद की छत नहीं संविधान की गत थी! (आपकी राय नहीं, संविधान का पहला पन्ना जानिए) सच से सबका झूठा नाता...