खूबसूरती क्या है, जंगल, पेड़, या सीमेंट की इमारतें!! खूबसूरती क्या है, लम्हा है कोई या जगह है, दिल आया तो बेवज़ह है? खूबसूरती वजह है, दिल में जो जगह है, दिल छोटे हुए या जगह कम?? काटने छाँटने बाटने में लगे है, सब के सब, खूबसूरती शोपीस में रखने की है सनक ! इसे तरक्की कहते हैं!! पत्ते हैं, फूल हैं, हवा है, और हम, कौन किसके रास्ते आता है कहिये?? खूबसूरती कवायत है, जाहिलों को रवायत है मालिक को हामीं बाग़ी को बगावत है! खूबसूरती सफ़र है या मक़ाम है,? पंख है आपके या कैद हुई पहचान है? खूबसूरती एक दूकान है, मीठा पकवान है, रईस, धनवान है, पिस्ता डला पान है, आपका क्या दाम है?? खूबसूरती अदा है, मरीज़ को दवा है, अकेली को सजा है, साथ का मज़ा है! क्या हम सच्ची-मुच्ची जी रहे हैं, या खूबसूरती का खून पी रहे हैं! खूबसूरती हैरत है, बैगैरत है, किसी को सूरत है, किसी की सीरत है!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।