सीखें, आवाज़ उठाएं, साथ आएं, चलों अपने अंदर अम्बेडकर जगाएं कोई भी खास नहीं हैं पैदाईश से बराबरी करने को कंधे से कंधा मिलाएं हर कोई खास है, जो भी पैदाईश हो, जात धर्मे के अब बहाने ने बनाएं! मैला साफ़ करता है कोई कचरा, अच्छी बात है! तो आप हरिजन कहलाएं! सीखें, आवाज़ उठाएं, साथ आएं, कहदो सब से कागज़ नहीं दिखाएं! सीखें, आवाज़ उठाएं, साथ आएं, चलो सब यकीनों के सवाल बन जाएं!! सच नहीं बदले तो नाम बदल दें? किसको शौक है दिव्यांग कहलाएं? बहुत हो गई चापलूसी हिंसा, चलो अंबेडकर वाले देशभक्त बन जाएं! संविधान ही है जो हमें बचाएगा, चलो मिल कर संविधान बचाएं!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।