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#MeToo

अपने लिखें #MeToo तो दर्द होता है, कुछ की आँखे खुली हैं, भट्टा सी? कहाँ रहते हैं मर्द दुनिया के? अपनों के साथ रहते रहते भूल जाते हैं, सब, अपने गरेबां को, उन हाथों को जो मचलते हैं, थे? जब आप मौका थे, और आपके हाथ, कंधे, कोहनी चौका? भीड़ में, आपकी आँखें झांक रही थीं, उपर से, और ताक रही थी, शर्म को बेशर्मी से, क्या करें फ़ुर्सत ही नहीं मिलती, ज़ेब की गरमी से, अपने हाथ कब तक होंगे जगन्नाथ? रगड़ दो कहीं हाथ, हो गयी पूरी 'मन की बात' और खुजली भी कम, अगर आप सचमुच के, दिल के दर्द वाले मर्द हैं, तो लिखिए #MeToo अगर आप के भी हाथ कभी सटे हैं, भीड में आप भी कभी, जाने-अंजाने एक धक्के में बहे हैं, और नर्म-मुलायम कुछ तो छुए हैं? लिखिए #MeToo अगर, आपके भी ऐसे जिगरी यार हैं, जिनके सड़कछांप प्यार हैं, जिनके हाथ की सफ़ाई के किस्से मशहूर हैं, उनकी हिम्मत की आप दाद देते हैं, और थोड़ा शर्माकर उनसे वो तस्वीरों वाली किताब उधार लेते हैं? चिंता नहीं होती आपको, क्योंकि आपकी बहन उनकी भी बहन है! लिखिए #MeToo अगर आपने हज़ारों बार, छेड़छाड़, एसिड, दबोचने, नोंचने, जबरन पकड़ने, मसलने, बलात्कार की खबरें पड़ी हैं, ...

बेटी बचाओ ... बचा सको तो!

ये हमारा भारत है, बेशर्म बेगैरत है, सूरत कैसी भी हो इसकी, कुकर्मी इसकी सीरत है! यही हमारी नीयत है, यही हमारी नीति है, औरत वही जो चुपचाप, हमारी बदसलूकी सहती है! हमें गाय से प्यार है, उसके मुकाबले औरत बेकार है, यही हमारे शास्त्र हैं, यही हमारा संस्कार है। हमें छेड़छाड़ स्वीकार है, गोपियों के वस्त्र हमारे खेल हैं, गले मे सूत्र और नाक पे नकेल है, ये गुस्सा बेकार है, वही हो रहा जो हमें स्वीकार है! http://www.ndtv.com/chandigarh-news/bjp-leader-subhash-baralas-son-vikas-barala-summoned-after-police-watch-cctv-footage-of-stalking-1735246

ना-शाईस्ता इश्क!

होगा इशक आपको दिल फ़ेंक कर मत दीजे , जो भी इज़हार है आँखे सेंक कर मत दीजे घूर के आँखों से उपर नीचे तक नापते हैं ,  क्या घर जाकर अपने बिस्तर जाँचते हैं ? सीटी मार के क्या संदेश भेजते है इज़्ज़त है नहीं तो क्या बेचते हैं ? मर्द होने की ये कौन सी निशानी है , तंग पतलून और हाथों की परेशानी है ? शराफ़त से घर अंदर भाई - बाप - बेटे हैं , बाहर क्यों ललचाए शीला की जवानी है ? मर्द भेड़िया है पतली गली में और कुत्ता शेर बिना भोंके लपकता है ज़रा मनाओ खैर ! कलाई मोड़ कहे रांझना कि इज़हारे इश्क है , इन ना-शाईस्ता सच्चाईयों से बदनाम इश्क है ! मोहब्बत की निशानी ताज़महल आगरा है , झूठ ! आज - कल सुना है इसका नाम वाईग्रा है ! भीड़ में धक्का , पीछे से चुंटी , और हाथ की सफ़ाई , महामारी हिंदूस्तान की और नाम इसका मर्दाई ! (ना-शाईस्ता - Obscene)

शीला की कहानी!

मर्दों की दुनिया सारी , घूरने की है बीमारी , शरम कभी न आनी माने न माने कोई , भाई – भतिज़ों की दुनिया बड़ी सुहानी माँ - बहनें घर में बैठें , बाहर कुछ और कहानी अब दिल करता है हौले हौले से किसी कि भी गले पड़ जायें , रिश्तों का मर्दों को बंधन क्या , बस अपना प्यार जतायें माँ कसम , माँ कसम , माँ कसम my name is शीला , शीला की बदनामी , रज़िया गुंड़ो में फ़ंस गयी और मुन्नी की नादानी गली गली गली के लड़के मुझे फ़ोलो फ़ोलो करते हें और जब में नज़र फ़ेरुं , बस ताने कसते हें , बेशरम , बदतमीज़ मरदुए हाय रे ऐसे चेपू हम , फ़ेविकोल बन चिपकें रे कितने तुम कपड़े पहनो , अपनी नज़रिया बरसे रे प्यास हमारी ऐसी , भूख हमारी ऐसी , शराफ़त है बेमानी दे दो रे ! दे दो रे ! दे दो रे ! शालू , शालू की नादानी , टेस्ट जलेबी बाई का और अनारकली की जवानी शर्म तुम्हारा गहना है , इसलिये कम पहना है , फ़िलिम ड़िरेक्टर कहते हें , एक बटन कम रहना है , और अगर मुँह खोलें तो कहें करेक्टर ढीला है , कौन है ये , कौन है ये , क्या  है ये लीला , मर्दों की सब लीला , श...