365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद? और आपको ज़िंदगी से कोई शिकायत? 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, देश में चलती राममंदिर की कवायत! 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, ये लोकतंत्र पर भद्दा पैबंद! 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, TV पर देखा आपने, होकर तालाबंद! 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, और आपको अच्छे दिनों की ख़बर होगी? 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, फेक एनकाउंटर से आप बहुत खुश होंगे? 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, इस बात पर कब दिए जलाएंगे आप? 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, और आपके बच्चे क्या खेल रहे हैं? आजकल?। 365 दिन कश्मीर कैद में है, नज़रबंद, आप क्या अब भी हिंदुत्व के गुलाम हैं?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।