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गौ-बंधन

आज सारे बछड़े इंतज़ार में हैं, और बछड़ियाँ भी,  गौ माता के दु-पउआँ बेटा-बेटी रक्षाबंधन मनाने आएंगे। मुग़ालता है के अच्छे दिन आएंगे। कब तक प्लास्टिक चाट मुँह मीठा कराएंगे? कब तक गले में पट्टा बंधवाएँगे, कब कलाई में राखी बांधेंगे बंधवाएँगे? वादों से कब मुकरना बंद होगा? कब तक उनके नाम वोटों का धंद होगा? कोई तो भाई जो अक्लमंद होगा? मेरे और मेरी माँ के नाम कब कत्ले-आम बंद होगा? कब प्लास्टिक रीसाइकिलिंग मेरा काम नहीं होगा ? कब में सड़कछांप मवाली नहीं रहूँगी? गोबर और मूत्र से पैसा कमाते हैं? माँ कचरा चर रही है,क्या नहीं जानते हैं? ऐसे भाई-बाप-बेटे किस काम के?