यूं गुजर रहे है की जैसे रास्ता हैं, कुछ होना नहीं, कुछ बनना नहीं, साथ सब के हैं, किसी के हाथ नहीं, अगर मुश्किल हो तो वो रास्ता नहीं, रास्ते किसी के रास्ते नहीं आते, और कभी भटकाते नहीं हैं! रास्ते कहीं जाते नहीं हैं, कहीं पहुंचाते नहीं हैं, रास्ते बस शून्य हैं, अपने आप में कुछ नहीं, पर कोई साथ ले, तो सौ-हजार हैं, जरूरी हमसफ़र है, आपसी व्यवहार हैं! अपने कदमों से पूछिए! क्या वो इस दोस्ती तैयार हैं? मंजिलों से घिरे हुए हैं, फिर भी रास्ते आज़ाद हैं, जो ये समझ जाए वो मुसाफ़िर है, सफ़र ही उसका आख़िर है, समझ पाएं तो, जिंदगी भी एक रास्ता है, आने और जाने के बीच से गुजरते, रुकने का सोच रहे हैं? मूरख, आप जागते भी सो रहे हैं!!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।