देख तेरे व्यापार की हालात क्या हो गयी भगवान , कितना बदल गया इंसान , कैसे युस करे तेरा नाम , हवा बदल गयी , बरफ़ पिघल गयी , जंगल हुए शमशान कितना बदल गया इंसान , थुके कंहा कंहा ये पान , रिश्तों की ये उल्टी गंगा , फ़ेसबूक पर पप्पा मम्मा दोस्त बनाने का ये धंधा , आई मुसीबत दिखता है ठेंगा सच्चाई से दूर हो रहे राहुल , गीता , श्याम कितना बदल गया इंसान कैसे समाचार के धंधे , breaking news पर टिके हैं बंदे बने सब हम सोने के अंड़े , घर में घुस गये दिल के अंधे मरे हुए के बाप से पुँछें , आप का क्या है बयान कितना बदल गया इंसान education जादू मंतर माँ - बाप - बच्चे बने हें बंदर चाहे कितने अच्छे हो नम्बर मोटी रकम हो पहले अंदर खोल खोल शिक्षा के मंदिर चूस रहे सब प्राण कितना बदल गया इंसान बैठा तू मंदिर में भोले तेरे नाम के धंधे खोले black money के भर भर झोले पाप सबके जो तराजू तोले स्वामी , श्री , पंडित के बनते बंगले आलीशान कितना बदल गया इंसान करे पाप भी तेरे नाम , जुँ नहीं रेंगे इनके कान मोटी चमड़ी , खोटे...
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।