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आईये ! / The Invitation!

मुझे मत बताओ कि जिंदगी कैसे कटती है  ये बताओ कि अंदर से आवाज़ क्या आती है, और क्या वो सपने देखने की हिम्मत तुम में है, जो तुम्हें अपने दिल की तड़प तक ले जायें?  मुझे अपनी उम्र कि लंबाई नहीं बताओ, ये कहो कि मुरख बनने का जोखिम उठा सकते हो? प्यार के लिये, सपनॊं के लिये, जिंदगी जीने के रोमांच के लिये!  क्या फ़रक पड़ता है कि तुम्हारे ग्रहॊं की क्या दशा है ये कहो कि, 'अपनी दुखती रग' पर तुम्हारा हाथ है क्या? जिंदगी की ठोकरॊं ने तुम्हे खुलना सिखाया है? या आने वाले जख्मॊं के ड़र से तुम ने अपनी पीठ फ़ेर ली है? जिंदगी से!  जरा ये बताओ कि दर्द को, मेरे या तुम्हारे, बिना कांटे, छांटे, छुपाए, निपटाये, क्या तुम अपने साथ रख सकती हो? जरा सुनूँ, क्या तुम आनंदित हो, मेरे या तुम्हारे लिये! और क्या झुम सकते हो ऎसी दीवानगी से, कि तुम्हारे हाथ-पैर के छोर हो जायें भाव-भिवोर बिन संभले, बिन समझे, बिन जाने, कि इंसा होने कि हदें होती हैं!  तुम जो कहानी मुझे सुना रहे हो वो सच हो न हो, ये कहो कि खुद का सच होने के लिये, क्या किसी और की नाउम्मीदगी बन सकते हो, और अपनी अंतर...

अपवादी आवाज़ें

एक और अज़नबी रात सिरहाने खड़ी है, एक और नामुराद दिन मुंह बायें खड़ा है, ना कोई उम्मीद नाउम्मीद हुई है, ना कोई संजीदगी बेगुमां कोई तकलीफ़ अभी तक उदास है, प्यास अभी भी मायुस नही हुई, ना दर्द गुमराह हुए हैं एक हंसी है जो कंहीं अकेली पड़ी है, होँसले बेफ़िकरे खड़े हैं, रास्ते खुद को ही सब्र की दाद देते हैं और मोड़, बेचैनी में बढे हैं, कुलजमां सब वही है, क्या नया हो, जो कुछ गुजरा नहीं है, और क्या पुराना, पहचाने, सब अजनबी हैं कहने को कुछ नहीं है, गालिबन, जो लिखा वो सही है!

किसी की खोज , किसी की सोच

यकीं करो मन्नत आप की कबूल हो,  हालात की कोशिशें फ़िज़ूल हों जो लम्हे वजूद को जायज़ करते हैं,  वो कायनात को कबूल हों और एक रास्ता आप के सफ़र का मुन्तज़िर है वक़्त की आँखों, आपके लम्हे सर हैं! गुजर जाइए आप बेहिचक कायनात आप की कोशिशों को पर है!! लम्हे आप के मोहताज़ हैं, क्यों रुके हुए से आप हैं आप कदम तो उठाइये, मौके उड़ते हुए बाज़ हैं! बात तब है जब डोर अपने हाथ में आप ही अपने राम है,  सफ़र ही अपना काम है जिन्दगी हाथों का जाम है, कहिये कहाँ अगली शाम है आइने मै देखिये और कहिये, "क्या बात है" दुनिया को मिली सौगात है, जो सवाल आपके पास है इस सफ़र में आपकी साँस है!! गुजर गयी वो रात है,  रह गयी सो बात है, जो सामने, वो तेरे हाथ है, कहिये आप, क्या ज़ज्बात है?? कौन मिलेगा आपको आपसे बेहतर नए सफ़र के नए काफिले, बड़ जायेंगे कुछ फासले अपने एहसासों को पास ले,  और एक ठंडी साँस ले आस भी है, तलाश भी है, रास भी है एहसास भी प्यास भी है प्रयास भी,  आप हमसफ़र है अपने सफ़र के जो होता है अच्छे ...