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हमारी दुनिया_दारी, दुकानदारी!

हमारी  दुनिया, हमारे लोग हमारा घर हमारा परिवार हमारे साथी हमारा समुदाय हमारी दुनिया मेरा घर   तुम्हारा घर मेरे लोग तुम्हारे लोग मेरा परिवार तुम्हारा परिवार मेरे साथी तुम्हारे साथी मेरे बच्चे तुम्हारे बच्चे मेरी औरतें तुम्हारी औरतें मेरी इज्जत तुम्हारी इज्जत मेरा समुदाय तुम्हारा समुदाय मेरी ताकत तुम्हारी कमजोरी तुम्हारी ताकत मेरी कमजोरी मेरी बंदूक तुम्हारी बंदूक मेरी लड़ाई मेरी जीत तुम्हारी हार मेरी जीत   तुम्हारी जीत मेरी हार   तुम्हारा नुकसान मेरा फायदा मेरा नुकसान तुम्हारा फायदा तुम्हारी बर्बादी, मेरी ...? मेरी जीत? मेरी जीत मेरी हार! बिखरा समुदाय टूटे घर भूखे पेट अनाथ बच्चे कैसा परिवार ? मैं बर्बाद तुम बर्बाद कौन आबाद ? मेरी लड़ाई तुम्हारी लड़ाई किसकी कमाई ? मेरा पैसा तुम्हारा पैसा किसके पास ? मेरी भूख तुम्हारी भूख मेरे दर्द तुम्हारे दर्द मैं चुप तुम खामोश खामोशी में हम हमारे सच हमारी ज़िंदगी हमारा परिवार हमारे बच्चे   हमारी दुनिया !

हिंसा और हम-आप!

हिंसा क्या है, टॉम और जैरी की, मारापीट को देख, उछलते, बच्चे को देख कर खुश होना! हिंसा क्या है,  जात-पात,मज़हब, अगर वजह है, कि दिल में कम जगह है! हिंसा क्या है, कचरे के ढेर में गैरकानूनी घर बसाये लागों की बेदखली! हिंसा क्या है? मां-बाप नहीं सुनते, बच्चे ने कहा है, उसे किसी ने छुआ है! हिंसा क्या है 4 साल के बच्चे का स्कुल से आना और होमवर्क पर बैठना! हिंसा क्या है, भीड़ में, मैले कपड़ों में कोई पास गुजर गया, आप छिटक कर दूर गए! हिंसा क्या है, आपके घर नौकरानी है कुछ आपका खो गया, कहाँ आपका शक गया? हिंसा क्या है, आपकी माँ है कपडे आपके, और वो धो रही हैं! सालों से! हिंसा क्या है, कभी गाली दी है, और आपकी भी, मां-बहन है! हिंसा क्या है, गुटखा थूकते हुए साइकिल रिक्शे से कहना, ज्यादा होशियार मत बनो! हिंसा क्या है, किसी की जात पूछना, और ख़ुश होना अगर वो आपके जैसा है!  हिंसा क्या है, धार्मिक होना और दूसरे धर्म का मज़ाक उड़ाना! हिंसा क्या है, जो भी हो, बेवजह है! आप को गुस्सा आया? हिंसा क्या है, लड़की दे...

भा. ग. जा!

मंदिर यहीं बनाएंगे, मूरख कौन समझाएंगे, लौटते में बुद्धू कई घर फ़ूँक आयेंगे! दुनिया बड़ी भ्रष्ट है आपको बड़ा कष्ट है, फ़ासीवादी ताकतों से पर क्यों एड़जस्ट है! शब्द का फ़ेर है, देर है अंधेर है, जागे हैं आप या अभी थोड़ी देर है! कमल से कीचड़ निकलेगी संभल के धरिये, ग्ंदगी फ़ैलाने का इससे बेहतर तरीका क्या? समझ समझ का फ़ेर है ये आम है कि बेर है, चश्मे उतार के देखिये ये देर नहीं अंधेर है चारों और चमकती है, आज कल रोशनी बिकती है, कोई भी अखबार देख लीजे वो तस्वीर किसकी है हमारा सच एक,धर्म एक, मालिक एक, दूसरा कुछ भी हमारे त्रिशूल को भेंट!

भगवा जहर!

एक वो जहर जो मार देता है , एक वो जो विचार देता है , नफ़रत हमें तैयार देता है , सफ़ेद झूठ जो सच बन के ऐंठते हैं जो गेहरे पैंठते हैं , दिलो-यकीं में जाके बैठते हैं , दो अलग अलग दो को चार करता है , नमक मिर्च मसाला ड़ाल अचार करता है ! लड़की मुस्लिम थी , लड़के पाकिस्तान , ऐ . के . 47, अब आप अपना अपना सच बना लीजिये , अरे हां , वो जो बचपन से सुने हैं माँ - बाप , चचा से , वो भगवा सच अब जवान हो गये हैं , नमक , मिर्च , मसाला “ मुस्लिम से कभी शादी मत करना . . . ” जय सिया राम , “ जनसंख्या बड़ाने के लिये बच्चे करते हैं . . .", कृष्ण हरि हरि , “ पाकिस्तान को ज्यादा प्यार करते हैं . . . " शिव शिव “ पानी मत पीना थूक कर देते हैं . . . ” जय हनुमान , अब कहती रहे माँ माथा पीट - पीट के , मेरी बच्ची मासूम थी , पुलिस कह रही है , कानून बोलता है , पर भगवा आँखों पर पड़ा है पर्दा सच पे तमाम गर्दा पड़ा है , कौन ज़हमत करे अब हमने उसे आतंकी मान लिया है , " और वैसे भी वो मुसलमान थी , तो ये कोई आश्चर्य की बात नही ये लोग होते ही ऐसे...