सपना है अपना है पनपना है! चखना है हर स्वाद, हर मोड़ मुड़ना है, जुड़ना है, जमीन से, उड़ना है, लड़ना है, मुश्किल से, खेलना है, ज़िंदगी, ज़िंदादिली से, हमदिली से मिलना है, सब से, आसान बनके, पनपना है!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।