शब्दकोश - चट - झापड़; हट - लात; खट- लात, झापड़, मुक्का; छपाक - एसिड आपके चहरे पर आओ बेटी आओ, तुम्हें भारत सिखाते हैं, चट! लालची मन = लछमन रेखा के पीछे पाँव, अपने कुर्ते हमारे हाथ से दूर रखो राम भी हम रावण भी हम चट! समझ रही हो न? नहीं? चट! तुम ही सीता भी, तुम्हीं शूपर्णखा, क्यों आवाज़ उठाई खामखाँ? चट! तुम्ही 44 %, पत्नी, हर दो मिनिट तुम्हारी छटनी चट! आओ बहन आओ! तुम्हें भारत बताते हैं, छपाक! ये हिम्मत तुम्हारी? बेचारी रहो, बेचारी! छपाक! तुम बोलती हो? शर्म कहाँ गयी? हिम्मत कैसे आ गई? छपाक! अरे, न करती हो? सीता को शूपर्णखा किया? ये लछमन, क्षमा, ये लक्षण ठीक नहीं! छपाक! आओ मां, बहन, बेटी तुम्हें भारत लठियाते हैं, चट, हट, खट, छपाक! वाराणसी, बुरा नसीब! यहाँ लंका भी है और कुल पतित रावण भी चट, हट, खट, छपाक! प्रिये तुमने अपने पापों का घड़ा भरा चट होस्टल के बाहर 6 बजे के बाद चट आवाज़ ऊंची खट शिकायत, शि का य त हट विरोध, मांगे, धरना, राम राम राम चट हट खट छपाक उम्मीद है अब आप औकात में रहेंगी, जात में रहेंगी दाल भात में रहेंगी आँख नीची होगी,...
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।