कश्मीर, मुस्कराते लोग, हँसते बच्चे, बर्फीले पहाड़, पाक-साफ़ पानी इन्तहां खूबसूरत! कश्मीरियत, जज़्बा इरादा, हाथ में हाथ, मुश्किल में साथ, दर्द में डूबे हालात, मुस्कराते हमसे बात, एक सवाल सिर्फ, "आप ही बताएं..." हम क्या बताएं?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।