जरा सा मुस्कराना उनका नज़रें फ़िराना ज़रा सा ज़रा सी हौंसला आफ़ज़ाई तड़पाना जरा सा जरा सा बल खाना, लड़खड़ाना जरा सा जरा सा छेड़ना, तड़प जाना जरा सा जरा जुल्फ़ों का उड़ना, बिखर जाना जरा सा दिले आबाद का, दिले-बरबाद से फ़र्क जरा सा ज़रा सा एक बड़ाये हाथ, साथ एक दे ज़रा सा मुश्किल नहीं मुसाफ़िर, सफ़र जिंदगी का ज़रा सा ज़रा सी आकांक्षायें और लालच ज़रा सा बहुत है, इंसान का बहक जाना जरा सा ज़रा सा हौसला रखना, हिम्मत ज़रा सी ज़रा सा गम, ज़रा खुशियाँ, ज़िंदगी ज़रा सी ज़रा से उनके सपने हैं ज़रा हमने भी देखे हैं, साथ था, फ़िर भी रात सो लिये ज़रा सा! ज़रा सा जज़्बा चलने का, साथ कुछ दूर तलक ज़रा सी कोशिश किसी मोड़ कोई और फ़लक!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।