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जेन कहावतें!

सेहत की नेमत मत मांगो, किसी ने पुराने समय में कहा, बीमारी कि परेशानी से, अच्छी दवा बनती है! बिन मुश्किल ज़िंदगी मत सोचो, आसान ज़िंदगी आलसी दिमाग और बिन सोचे धारणा बनवाती है, किसी ने पुराने समय में कहा, इस ज़िंदगी की बैचेनी और मुश्किलें गले लगा लो! तुम्हारी साधना में बाधाएं नहीं आयेंगी, हमेशा ये उम्मीद बेमानी है, रुकावट के बिना, सच की तलाश, ज़हन को थका देगी किसी ने पुराने समय में कहा, मुश्किलों में ही मोक्ष है! कठिन साधना में कुछ अनहोनी न हो, ये उम्मीद व्यर्थ है, अंजाने से बचना, कमज़ोर कोशश की निशानी है, किसी ने पुराने समय में कहा, कठिन साधना आसान बनाओ, सर सवार हर भूत को, दोस्ती का हाथ बढाओ! कुछ खत्म करने की ज़ळी न करो, आसानी से मिली चीज़, इरादों में सेंध लगाती है, किसी ने पुराने समय में कहा, जो कर रहे हो उसे पूरा करो, तमाम कोशिश करो! दोस्ती में फायदा मत सोचो, खुदगर्ज़ दोस्ती, यकीं को जख्मी करती है, किसी ने पुराने समय में कहा, "दिलसाफ दोस्ती दोस्ती को पोसती है" लोग तुम्हारी पीछे चलेंगे ये उम्मीद बेमानी है, लोग अनुयाई बन जाएँ तो आप घमं...

बोध गया?

किसी की बोधगया और, किसी का बोध गया ,  क्यों‌ हैं‌ इंसान युँ मज़हबी ,  सालों का शोध गया , बुद्ध होगा मन जो आपका क्रोध गया , पर कहाँ कोई प्रभू समझता है , आदमी को बस प्रभुत्व ही जमता है , ' भगवान के नाम दे दे ' बोला तो भिखारी हो ', भगवान के नाम लेने वाले शिकारी क्यों नहीं ? खुदा का नाम , पुजारियों का बकरा है ,   बकरे को तो फ़िर भी खुली हवा मिलती है , और उसकी साँसे , चारदिवारी के अंदर धुएँ में पलती है , कौन समझेगा जहाँ बस मान्यता चलती है ? बस हाथ लग जाये तो बात बन जाये , दिल छुने की रीत गयी , मुक्त होने का बोध गया , सही रस्ता क्या दिखलायेंगे , पंड़ित - ओ - मौलवी , पादरी - ओ - रब्बी ये सब मलिकेमज़हब , जो सफ़र था आज़ाद होने का , बेड़ियों में ड़ालके , बन बैठे भक्तों के सरपरस्त , युँ तो रस्ते में पड़ा कोई भी मज़बूर आपको इंसान बना देता है , बशर्ते आप अपनी अकीदत का सट्टा न खेले हों , यूँही सत्ता के गलियारे में पैसे के जोर को चढावा नहीं‌ कहते , पुँजीवाद है , नम्बर 1 ही की बस इज़्जत है , जाहिर है , जह...