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अंधे आसमाँ 3

मेरी प्यारी बर्बादी अपने लिए अपनी ही हवस , ख़ुद को बनाएगी या मटियाएगी? एक हक़ीकत मेरी , मेरी कितनी सच्चाइयों को निगल जाएगी? मैं कम हूँ या ज्यादा कम? रिजल्ट हूँ अपना , या दुनिया का थन , किसी के हाथों निचुड़ता , पिघलता , रहने को आजाद , और बहने से बर्बाद? क्यों ने अपनी बर्बादी अपने हाथों ले लूं?

मत करवा चौथ!

कैसे मर्द होंगे ...ना! अपनी उमर को लंबी करने को औरत को भूखा करते हैं, बाज़ार में मुँह मारते हैं, और घर उनको प्यासा रखते हैं? गली के कुत्ते, चारदीवार के अंदर हुंकार भरते हैं, कस के दो मारते हैं, गुस्सा है तो क्या प्यार भी करते हैं! कैसे हम फ़्यूचर तैयार करते हैं? कैसा? बराबरी से इंकार है? बेटी से प्यार है पर उसकी मर्ज़ी बेकार है, होन्र किलिंग हमारा सांस्कृतिक व्यव्हार है?

रोशन समंदर!

तमाम अँधेरे, तिनका तिनका रोशन कोने, उम्मीदों को तकिया, इरादों को बिछोने, बस यही है सब कुछ, और जो बाकी है वो आज़ाद मर्ज़ी, फ्री विल, कोशिश और कशिश, हमसफ़र बनते हैं, कभी कोशिश रास्ता, कभी कशिश साहिल, बेबसी ज़ाहिल, सब नज़र है, कहाँ, किसको क्या, असर है, ज़द्दोज़हद जिगर है, और ज़िरह भी, हालात से, खारिज़, आप जी सकते हैं, शर्तों पर, अपनी, जी भर के!