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बूंद बूंद तिनके, आसमां चुन के!!!

कोशिश नापिये, वही मंज़िल जाती हैं, हर कोशिश अंजाम है, क्यों 'मुश्किल'पहचान है! रेत के भी महल होते हैं, इरादे घड़ियों से न नापो! हर तिनका आसमान है, गर उसे अपनी पहचान है! हर पत्ता हवा है, उसको रुख पता है! हर बून्द समन्दर काबिल है, हर तहज़ीब बड़ी ज़ाहिल है! नज़र हो तो बून्द समंदर है, समझो क्या आपके अंदर है! बिना जमीं के आसमान कुछ नहीं, मुश्किल न हो तो आसां कुछ नहीं!

आज कुछ करना था!

भूख थी प्यास थी, खटास थी मिठास थी, लगे परोसने जो भी, ख़ास थी न ख़ास थी! कुछ करने को बैठे थे, कुछ कर बैठे हैं, अपने ही इरादों से, क्यों भला ऐंठे हैं!   कुछ कहने की ललक है, कुछ दूर फलक है, शब्दों को पिरोते हैं, शाम तक चाँद खींच लेंगे! यूँ वक्त को हम गुजारते नहीं, न लम्हों को संवारते हैं, मेकअप का शौक नहीं, फिर भी आपके सामने हैं! खलबलाहट है बस इतनी खबर है, दिन बस 2 लम्हे पहले शुरू हुआ, चिंता न करें पेट साफ है ! दिन गुजरा क्या, क्या रात आई? खो गयी न जाने कहाँ तऩ्हाई,   न मर्ज़ कोई न दवाई, क्या खामी है और क्या भरपाई! मसरूफ़ हैं कितने कि खाली-खाली हैं, अपनी ही हरकतों के हम सवाली हैं! कुछ छूट गया क्या, या बाकी है, एक हलचल थी जो काफ़ी है, आज कुछ करना था, गौर करें!

आईये ! / The Invitation!

मुझे मत बताओ कि जिंदगी कैसे कटती है  ये बताओ कि अंदर से आवाज़ क्या आती है, और क्या वो सपने देखने की हिम्मत तुम में है, जो तुम्हें अपने दिल की तड़प तक ले जायें?  मुझे अपनी उम्र कि लंबाई नहीं बताओ, ये कहो कि मुरख बनने का जोखिम उठा सकते हो? प्यार के लिये, सपनॊं के लिये, जिंदगी जीने के रोमांच के लिये!  क्या फ़रक पड़ता है कि तुम्हारे ग्रहॊं की क्या दशा है ये कहो कि, 'अपनी दुखती रग' पर तुम्हारा हाथ है क्या? जिंदगी की ठोकरॊं ने तुम्हे खुलना सिखाया है? या आने वाले जख्मॊं के ड़र से तुम ने अपनी पीठ फ़ेर ली है? जिंदगी से!  जरा ये बताओ कि दर्द को, मेरे या तुम्हारे, बिना कांटे, छांटे, छुपाए, निपटाये, क्या तुम अपने साथ रख सकती हो? जरा सुनूँ, क्या तुम आनंदित हो, मेरे या तुम्हारे लिये! और क्या झुम सकते हो ऎसी दीवानगी से, कि तुम्हारे हाथ-पैर के छोर हो जायें भाव-भिवोर बिन संभले, बिन समझे, बिन जाने, कि इंसा होने कि हदें होती हैं!  तुम जो कहानी मुझे सुना रहे हो वो सच हो न हो, ये कहो कि खुद का सच होने के लिये, क्या किसी और की नाउम्मीदगी बन सकते हो, और अपनी अंतर...