घर में सबको भगवान चाहिए, मंदिर का रास्ता आसान चाहिए, पैसे से मिलते है दर्शन, फिर किसको लंबी लाइन चाहिए! लोग मक्खी की तरह फिरते हैं, पहले घर को सामान चाहिए, कौन तपस्या करे, और तीर्थ पैदल करे, जन्नत के लिए अब विमान चाहिए! सीधी ऊँगली से नहीं मिलता, तरीका सबको शैतान चाहिए। कोई और करे तो बुरी बात है, किसको अपनी तरफ ध्यान चाहिए! टीवी सीरियल बन रही है ज़िन्दगी, सुनने को दिल की बातें 2 एक्सट्रा कान चाहिए, हर गली में मंदिर, हर पूजा पंडाल, जहाँ मर्जी कचरा, हर दीवार मूत्रपीकपान, बस उतना आसान भगवान चाहिए! किसने देखा है कितनी मुश्किल आसान? हो रहा है बस इतना सबको भान चाहिए! जो समझ सकते हैं सच्चाई वो बच्चे हैं, उनके दिमाग में सेंध लगानी है, अब तक मान्यता की बातें होती थीं, अब भगवान को विज्ञान चाहिए!! भगवान की क्या औकात हाथी को श्रीगणेश करें, प्लास्टिक सर्जन कोई उस टाईम चाहिए! प्रभु की क्या जुर्रत की जमीन आसमान करें, इंजीनियर का बनाया पुष्पक विमान चाहिए! कुछ नया नहीं है दुनिया में, हमेशा होता आया है, अंधभक्ति को मूरख इंसान चाहिए! जय श्री राम......देव, आसा, रवि...
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।