सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

कड़वे सच लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

काम की बातें

सब कुछ साथ है, जो गुज़र गई, वो याद है जो चाहिए, वो ख्वाब है , जो कहीं नहीं आपबीती है, जो सुन न सके, एक आह है, एक चाह है, एक राह है, हमेशा आपके साथ जब भी आप, चलना चाहें, कुछ बदलना चाहें! सब खूबसूरत है, मनभाए, लुभाए ललचाए, भरमाए, दिलचाहे, साथ सब का अकेलापन, तमाम बातें, अनकही, खामोशी, शोर मोहब्बत के, और अब ये दौर, नफ़रत भी मुस्कराती है, कितनों के दिल लुभाती है! अफ़सोस! चलिए कोई और बात कीजिए, कुछ हट कर, परंपराओं से, दकियानूसी विधाओं से, सट कर रहना, बीमारी है, देश को, समाज को, हम-आप को, नक़ाब पहचानने होंगे, धर्म-जात के, दूर से बात के, घर बैठे काम, आराम है, घर बैठे लाखों भुख को कुर्बान हैं!