हर कदम पूरा सफर है, उसके बिना अधूरा सफर है, पहला कदम शरुवात है, पूरी, दू सरा, इरादों की मंजूरी, तीसरा, नीयत जरूरी, और एक कदम, काबिलियत और एक कदम तैयारी, जज़्बा, हिम्मत, कुव्वत, शौक, पूरा होश, और जोश, एक और, और एक, साबित कदमी कुछ और यकीन, और, कुछ मोड़ आख़िरकार सामने नज़र, चंद और कदम और चार कदम जरूरी, तीन कोस दूरी, दो बातें अधूरी, एक होती जिस्म और रूह , अंत है या शुरुवात, फिर किसने रोक रखा है? बस एक कदम पूरा करिए, सामने है, दूरी पूरी करिए, बस एक कदम, वो ही सफर है, वो ही दूरी, वो ही जरूरी, बात उसी से पूरी, बाकी सब बातें हैं अधूरी!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।