इतिहास का इरादा क्या था? यूँ खड़े होकर, सरचढ़ बोलते, अपनी कहानी कहता है या मुँह चिढ़ा रहा है हमको? तुम ने कौन सा तीर मार लिया? अदना बन कर खड़े हो? हमारे साथ सेल्फ़ी लेते, लोग तुम्हें शायद लाइक करें?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।