अब गुनाह ज़रा और आसान है, सुना कि कोर्ट का जजेज़ अब भगवान है, और भगवान के राज में देर होती है, नारदी हेरफेर होती है, भगवान क़ानून नहीं पालता, भक्त का भला करता है, और बाकी सब को चलता, भगवान के राज पुजारी चलाते है, जिसमें, दुबे, पांडे, मिश्रा आते हैं, लंबा सफ़र तय किया है इस देश ने, न्याय के मंदिर में अब मंदिर वाला न्याय होगा, जो सोना चढ़ाएगा, उसका नम्बर पहले आएगा! लोकतंत्र को भावपूर्ण श्रधांजलि के साथ, सत्य मेवा फलते! नेता थे बेकार, नौकरशाही उनका शिकार, फिर बिके पत्रकार, अब न्यायपालिका पर वार!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।