--> थियेरी एक आवाज़ , तमाम कोशिश , एक दर्द जो बेचारा नहीं है , आँसु पीना गवारा नहीं है , ताकत सिर्फ़ यकीन की , बदला तो कमज़ोर लेते हैं , पर अपने अत्याचार से आँख मिला , सवाल करना , बचपन खोया नहीं है , न ही बचपन के सवाल , अगर ये इंसां होना है , तो मुझे मंजुर है , मेरा सवाल क्या हो ? (थियेरी सेंग( http://www.thearyseng.com/ ) , जो "daughter of killing fields" के नाम से भी जानी जाती हैं, सात साल की उम्र में अपने मां -पिता के साथ पांच महीने जेल में रहीं. उनके मां -पिता दोनो, खमेर रुज़ के अत्याचार को बलि चड़ गये. वहां से बच निकलने के बाद, और अमेरिका में अपना शिक्षण पुरा करने के बाद अब थियेरी वापस कम्पुचिया(Cambodia) आकर 1975-1979 के समय में खमेर रुज़ के समय हुए जुल्म के जिम्मेदार लोगॊं को कटघरे में लाने में जुटी हुई हैं)
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।