तमाम अँधेरे, तिनका तिनका रोशन कोने, उम्मीदों को तकिया, इरादों को बिछोने, बस यही है सब कुछ, और जो बाकी है वो आज़ाद मर्ज़ी, फ्री विल, कोशिश और कशिश, हमसफ़र बनते हैं, कभी कोशिश रास्ता, कभी कशिश साहिल, बेबसी ज़ाहिल, सब नज़र है, कहाँ, किसको क्या, असर है, ज़द्दोज़हद जिगर है, और ज़िरह भी, हालात से, खारिज़, आप जी सकते हैं, शर्तों पर, अपनी, जी भर के!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।