इंसानियत का दूरियों से गहरा नाता है, मणिपुर दूर है, गाज़ा नजर नहीं आता! औरत की इज्ज़त बहुत जरूरी होती है, पर जंग की अपनी मजबूरी होती है!! बच्चे वैसे तो सारे ही भगवान हैं, पर गाज़ा में तो सब "मुस्लमान" हैं? आसमान से खाना, खाने पर बमबारी, नफ़रत हद पार तो बन गई बीमारी! मणिपुर और गाज़ा दोनो ही ख़बर नहीं हैं, कब्र हैं तमाम किसको फिकर नहीं है! सच नंगा है ऊपर से मर्दानगी का धंधा है, इज्ज़त लूट रही है और बाकी हाल चंगा है! शराफत का इस दौर में न करो तकाज़ा आप के कोई नहीं जो निकला जनाजा! खबरें वो होती हैं जो सच बताएं, सच वो है जो सरकार बताएं! सरकार शातिर है, झूठ बोलती है, क्या है आज की ताजा खबर ? बताएं ?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।