एक शख्स, एक तआरुफ़, एक तआल्लुक, एक रास्ता, एक वास्ता, तमाम अफ़साने, ....the continuing saga of a spark एक कोशिश, एक कशिश, एक ख्वाइश पैमाना-ए-जाँ को एक हसीं आजमाइश . ...smiling to life नज़र कहीं भी हो पैरों में ज़मीन है, मीठी भी उतनी जितनी नमकीन हैं! आईनों से कहा-सुनी कि कितने हसीन हैं, शुक्र है फ़िर भी मेरी नज़रों के शौकीन हैं! .....and to herself साथ कोई हो रगों से वाकिफ़ होते हैं , कोशिशें यूँ कि अपने मन-माफ़िक होते हैं! ....walking her own path अपनी यकीनी के पूरे उस्ताद हैं, तकरीर कहिये तो कलाबाज़ हैं! .....negotiating इज़हार-ए-मोहब्बत के खासे कमज़ोर हैं, नहीं टिकेंगे वो जिसके दिल में चोर है! .....to be her own self न सरहदों के हैं न सरहदों में हैं, अपना निज़ाम है अपनी जिद्दों के हैं!
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।