सियासत जुल्म है, हुक्मरान कातिल,
शिक़ायत करें, किससे, क्या हांसिल!
शिक़ायत करें, किससे, क्या हांसिल!
बड़ी कारोबारी सरकार है,
मज़हब इसका व्यापार है।
मज़हब इसका व्यापार है।
वो सरकार जिसका मज़हबी सरोकार है,
सोचा जाए तो मानसिक रूप से बीमार है!
सोचा जाए तो मानसिक रूप से बीमार है!
सरकार धर्म की ठेकेदार बनी है,
छाँट-बांट -काट की नीति चुनी है!
छाँट-बांट -काट की नीति चुनी है!
आज कल ताज़ा खबर है,
नफरत सियासत का घर है!
नफरत सियासत का घर है!
मौत सरकार हो गयी है,
बड़ा कारोबार हो गई है!!
गायगर्दी कीजिए, सरकारी काम है,
गुनाहगारों को अब रामनाम है!!
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