जज़्बा है. जो सीरत है !
हर कदम आपके साथ है,
हर साथ को सौगात है!
कहने को कई सारी बात है,
पूछिए आप, फ़िर बात है!
सोच दूर तक जाती है,
पैरों को जो माती है !
कोई डर नहीं है डरने में,
जो है सो है, करने में!
काम, कोई, आसान नहीं है,
मुश्किल है पर आसमान नहीं है!
देश धर्म जात सब बकवास है
ख़ालिस इंसानियत की प्यास है!
जज़्बाती भी हैं और ज़ाहिर भी,
और अपनेपन में माहिर भी!
हर करवट, हर आहट शोर है,
नींद को अपनी खासी कमजोर हैं!
प्यासे हैं यूँ कर पिलाते हैं,
कोई तारे तोड़ने नहीं जाते!
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