कितने
रास्ते आज कुछ वीरान हैं,
मुसाफ़िर तुम आज मेहमान हो,
मुसाफ़िर तुम आज मेहमान हो,
कितने
सफ़र उसने कर दिये काबिल,
आज समंदर हो गये तुम ओ'साहिल
आज समंदर हो गये तुम ओ'साहिल
रस्ते
भी हैं और निशान भी,
यकीं भी है या गुमान ही,
यकीं भी है या गुमान ही,
नज़र
आयेगें खुद को किसी मोड़ पर,
बना रखिये पहचान भी.
बना रखिये पहचान भी.
कुछ
एक सफ़र, कोई
नेक डगर,
मासूम असर, मुस्तैद नज़र
कुछ साथ चले, कोई हाथ मिले,
कुछ दिल को लगे, ऐसी है खबर!
मासूम असर, मुस्तैद नज़र
कुछ साथ चले, कोई हाथ मिले,
कुछ दिल को लगे, ऐसी है खबर!
चलो
कुछ ऐसे सफ़र करते हैं,
चंद लम्हों कों जिगर करते हैं ,
उठते रहें कदम यूँही, हम कहाँ
'क्या अंजाम' ये फिकर करते हैं !
चंद लम्हों कों जिगर करते हैं ,
उठते रहें कदम यूँही, हम कहाँ
'क्या अंजाम' ये फिकर करते हैं !
कदमों में उम्मीद बंधी है,
कोशिशों से
रास्ते जुड़े हैं,
ज़रा शुरु करिये सफ़र को, यकीन मोड़ पर खड़े हैं!
ज़रा शुरु करिये सफ़र को, यकीन मोड़ पर खड़े हैं!
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