जो
भी इज़हार है आँखे सेंक कर मत
दीजे
सीटी
मार के क्या संदेश भेजते है
इज़्ज़त
है नहीं तो क्या बेचते हैं?
मर्द
होने की ये कौन सी निशानी है,
तंग
पतलून और हाथों की परेशानी
है?
शराफ़त
से घर अंदर भाई-बाप-बेटे
हैं,
बाहर
क्यों ललचाए शीला की जवानी
है?
मर्द
भेड़िया है पतली गली में और
कुत्ता शेर
बिना
भोंके लपकता है ज़रा मनाओ खैर!
कलाई
मोड़ कहे रांझना कि इज़हारे
इश्क है,
मोहब्बत
की निशानी ताज़महल आगरा है,
झूठ!
आज-कल सुना है इसका नाम वाईग्रा है!
आज-कल सुना है इसका नाम वाईग्रा है!
भीड़
में धक्का,
पीछे
से चुंटी,
और
हाथ की सफ़ाई,
महामारी
हिंदूस्तान की और नाम इसका
मर्दाई!
(ना-शाईस्ता - Obscene)
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