ऐसी जिंदगी से लड़ना क्या, जो लम्हों की टीस बन जाये
सपने हैं अरमान नहीं, ऐसे सफर आसान नहीं
सच्चाइयाँ रस्ते में है इस से हम अनजान नहीं!
पुरे कभी हो जाएँ , ऐसे कोई काम नहीं
फुर्सत में सोचेंगे, अब ऐसे आराम नहीं !
उस मोड पर नहीं की रास्ते बुन लें
चले हैं जिस पर उसी को गुन लें
अपने ही चेहरे को पीठ दिखाते हैं
कभी कभी यूँ भी हम सामने आते हैं
आसमान भी यकीन है, जमीं भी यकीं
रास्ता ढूंढते हैं जो मिला दे कहीं
कुछ ती बात होगी
नजर नहीं आती
आँखों से मेरे दीवारें नहीं जातीं
क्यूँ हर ओर अंधेरा नज़र आता है,
आँखों में ना-उम्मीदी का असर आता है!
Mere Pas Shabdh Nahi Hai Bolne Ke Liye 1 No.
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