एक सवाल है, जिंदा, संजीदा, नाज़ुक, नमकीन वजन भी है सृजन भी है, यूँ ही नहीं खड़ा, जिद्द पर नहीं अड़ा, पर ख़त्म नहीं होता, आप नहीं तो कोई और सही, कोई और नहीं तो कोई और सही, सवाल आप का भी शायद, और हमारा भी, अंजान मंज़िलों के मुसाफ़िर का, सहारा भी, सवाल हों, तो रास्ते खत्म नहीं होते, न उम्मीद थकती है, न हौसला पस्त होता है, सवाल की लाठी एवरेस्ट तक ले जाती है, और सवाल समन्दर के तल से लेकर, चाँद के कल तक ले जाते हैं, सवाल सिर्फ सवाल होते हैं, मुश्किल या आसान, ताकतवर या कमज़ोर, साथ में या ख़िलाफ़त करने, प्यार या दुत्कार, ये आप के ऊपर है, सवाल धुरी हैं, न हो तो हर बात अधूरी है, और कमाल देखिये सवाल क्या चाहते हैं? उनकी क्या मांग है? दिल सवालों का क्या चाहे?... एक खोज, कब क्या क्यों? एक रास्ता, कहाँ, एक शख्श - कौन हर पल एक सवाल हर लम्हा एक शोध, शोध! अभी और क्या? सवाल को और क्या बेहतर साथ हो, एक उम्मीद हो, एक प्यास हो, एक साज़ हो, एक सोज़ हो, मुबारक आपको अभिशोध हो! (Abha for your spirit, for your quest, for y...
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।