रास्ते हैं,
जिंदगी से यही अपने वास्ते हैं,
कहां पहुंचेंगे,
ये सवाल बेमानी है,
मोड़ आयेंगे,
मुड़ जाइए,
कभी भटक जाएंगे
कभी खो जायेंगे,
ढूंढने आपको रास्ते ही आयेंगे
रास्ते आपको कम नहीं करते,
न ही साथ छोड़ते,
कभी लड़खड़ाए,
कभी छिल गए घुटने
रास्ते बस कह रहे रुकने,
संभलने,
जरूरत समझ बदलने!
भागते क्यों हैं?
करिए अपने कदमों का यकीं!
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