
जो ख़रीदे उसका भी भला,
जो बेचे उसका भी भला,
जो मरे उसको दफ़ना-जला!
मौत सरकारी भी है और आतंकी भी,
व्यापम भी है और उरी भी,
भारत भी है और कश्मीरी भी,
फांसी का फंदा है,
किसी को धंद्या है!
मौत एक बेनामी गाय है,
ताकत के हाथों एक राय है!
किसी के लिए खर्चा है,
किसी के चाय की चर्चा है!
किसी की मौत गुस्सा
किसी की मौत जूनून
किसी की मौत आतंक
किसी की जूनून,
कोई खुनी, कोई आतंकी
कोई देशभक्त,
किसी का मारना बहादुरी,

किसी को वीरगति,
किसी को कुत्ते की
किसी की मौत मज़हब
किसी की जात
किसी का बदला,
किसी पर हमला......
.......
फिर भी हम इंसान हैं,
जानवरो से अलग,
कहने को बेहतर,
लगे हर लम्हा इस धरती को
करने में बदतर!
तरक्की तहज़ीब मुबारक हो!
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