
ले चल ए दिल किसी और तरफ!
सुबह-शाम का कोई फरक,
लम्हे चढ़ें सर सरक सरक!
नहीं उतरे कोई बात हलक,
मेरी दुनिया कोई और फलक!

एक सुट्टा और एक जाम अरक,
किसको परवा वो क्या है अदब!
गले लगने ओ गले पड़ने के फरख,
अहमक तहजीबों के कैसे वरक़!
अंदाज़ आपके वो लहज़ा-ओ-लहक,

ज़िंदा हैं सब अरमानों की महक,
दावत-ए-ज़िन्दगी बहक बहक!
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