सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अगस्त, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सच सुनाएं या बच्चे मुस्कराएं?

ठक ठक ठक , लेफ़्ट राइट लेफ़्ट राइट , ढाएं , ढाएं , ढाएं , बच्चे - अम्मी , बहुर डर लग रहा है ,  गोलियां चल रही हैं ? https://www.instagram.com/p/B1ddPWylIcR/?igshid=1goo4duli7fg5 इतना पहरा क्यों हैं ? ???????????? स्कूल ? क्यों इंटरनेट मुँह चिढाता है ? ईद ? और और और ) अम्मी - ( गहरी सोच में ) सवाल हजारों जवाबों की खोज में सब बंद है , मौत सी खामोशी चार दीवार दुनिया बन गई है , जैसे सरकार कब्र की दीवारें चुन गई है फ़िर भी बच्चों को कैसे बहलाएं , कैसे उनको मुस्कान दिलाएं , झूठ ही सही उनका मन बहलाएं बहुत सोच कर टी . वी - रिमोट चैनल – दूरदर्शन समाचार - ताजा खबरों में कश्मीर में सब सामान्य ! अब बच्चे मुस्कराएंगे ? आप आईना देख पाएंगे ?

आधाजी आजाजी आदाजी!

कश्मीर में उम्मीद कैद, आवाज़ कैद, सारे एहसास कैद, और भी गम हैं जमाने में मोहब्बत के सिवाय! और लगे हैं सब भेड़ बनने में और भी राय हैं दुनिया में सबकी एक राय नहीं, आंखे खोलिए, सुनिए, मत कहना बताए नहीं! जवान को फ़रमान बस बलि के बकरों को शहादत का झाँसा, वाह! सियासत क्या खूब तूने फाँसा! ताकत सड़कछाप बन गयी है चुप, ख़बरदार, मुँहबंद, ये जुर्रत कुछ कहने को है, ये हिम्मत? "जी हुजूर" बस इतनी इजाज़त है, बहाना है कहना "लोकतंत्र" आदत है!! चुप, नफ़रत जारी है मंदिर कहीं बनेगा, मस्जिद कोई गिरेगा, और सब ख़ुशी से बेड़ियां गले लगाएंगे! खासी तैयारी है "जी हुजूर" बस इतनी इजाज़त है, बहाना है कहना "लोकतंत्र" आदत है!! कुछ बोलना भारी है कितनी बरबाद आज़ादी है? गूंगी एक बडी आबादी है! चलिए घांस चरते हैं,  या चल कहीं मरते हैं! धर्म के अंधे सब मंदिर कहीं बनेगा, मस्जिद कोई गिरेगा, और सब ख़ुशी से बेड़ियां गले लगाएंगे! खामोशी गुनाह है हमसे म...

कश्मीर आई सी यू से!

दो कौड़ी के सब इंसान कर दिए, सरकार ने यूँ फ़रमान कर दिए! हवा, पानी, जमीन, आसमान, अरमान,  कैद कर दिए, कितने आसान काम!  लाठी है हमारी तो सच भी हमारा है, घुटने टेकिए आपके पास क्या चारा है? दिल तोड़ दिए, ज़हन बांट दिए सियासत ने तमाम धागे काट दिए! कश्मीर शिकार करके उसे त्योहार कर दिया, किस तरह जनता को सोच का बेकार कर दिया! ईद किसको मुबारक करें, आवाज़ नदारद है, "खुश होना है" तामील हो! सरकारी इबारत है! ज़ुबान पर ताला है, चाबी नज़रबंद है, ताले टूटेंगे मत कहिए ये हुड़दंग है! सुना है सब आज़ाद हो गए, क्या मजबूरी के आज हो गए? बंटवारे के बीज बो दिए, बात एक कि करते हैं। शैतान लोग ही बढ़चढ़ बात नेकी की करते हैं! आज़ादी के अंधे सारे, बरबादी नहीं दिखती, बंदूकों से कैद एक पूरी आबादी नहीं दिखती? खुशी को मुल्तवी किया, चैन अगवा है, ज़िंदगी सस्पेंशन में है, इंसानियत हज़ार कत्ल है! सिपाही, बंदूक, कानून तमाम,  और आज़ादी ताकत की गुलाम!

काम तमाम!

मर्ज़ी के अपनी बेईमान हो गए, आज से हम गुलाम हो गए! जमीन अभी भी अपनी ही है, ये क्या हुआ के मेहमान हो गए! सब कहते हैं कि जमहूरियत है, क्यों अपनी कह बदनाम हो गए? अपना कहा था सो आम हो गए अब सारे उनके वादे  हराम हो गए! वक्त के साथ नीयत बिगड़ती रही, उनकी जरूरत को क़त्लेआम हो गए! अगवा कर लिया सब अवाम  को गुनाह सारे सियासी काम हो गए! दो में बाँट दिया सरकारी फ़रमान ने, एक श्रीराम हुए, दूसरे 'हे राम' हो गए!

श्रदांजलि लोकतंत्र!

हद है, बेहद है, बद से बदतर है! पैर बेसिर है, कलम सर है, तलवे चटे हुए, जहन बंटे हुए, चाल भेड़ है, भक्ति भेष है, खाल हिरन, चाल भेड़िया कार सर है, न्यूज़ टर्र टर्र है कुआँ खाई भाई भाई नगरी अंधेर, उल्लू सीधा घड़े चिकने, तूती नक्कार, डूबते तिनके, ढाक के तीन, तीन तेरह कोरा काम न टस न मस बेईमान मेहमान मान न मान, छूरी मुँह में, राम बगल, मौत बिगुल, धान बाईस पसेरी! माथा ठनका?

प्यार साथ रिश्ता

(created from writings of Abha Jeurkar FB Post -  I don't have grandiose or romantic ideas about love. I don't think there are soulmates or that matches are made in heaven. However, I do think that romantic love is a valuable human construct and that it can serve the needs of people in the way societies are organized at present. I think that the space that partnership allows is very beautiful, as it allows the partners to be vulnerable, to explore another human being up close, closer than most others. Relationship of equals can allow for comfort as well as adventure/space. I think these intimate spaces can be great learning spaces if one is allowed to explore them in these ways, even though that might mean making mistakes and getting back up. Such partnerships based on respect and love cannot be a reality if people are coerced into them, or they are manipulated into being in them forever. Choice is the cornerstone. It...