आज से हम गुलाम हो गए!
जमीन अभी भी अपनी ही है,
ये क्या हुआ के मेहमान हो गए!
सब कहते हैं कि जमहूरियत है,
क्यों अपनी कह बदनाम हो गए?
अपना कहा था सो आम हो गए
वक्त के साथ नीयत बिगड़ती रही,
उनकी जरूरत को क़त्लेआम हो गए!
अगवा कर लिया सब अवाम को
गुनाह सारे सियासी काम हो गए!
दो में बाँट दिया सरकारी फ़रमान ने,
एक श्रीराम हुए, दूसरे 'हे राम' हो गए!
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