दो कौड़ी के सब इंसान कर दिए,
सरकार ने यूँ फ़रमान कर दिए!
हवा, पानी, जमीन, आसमान, अरमान,
कैद कर दिए, कितने आसान काम!
सरकार ने यूँ फ़रमान कर दिए!
हवा, पानी, जमीन, आसमान, अरमान,
कैद कर दिए, कितने आसान काम!
लाठी है हमारी तो सच भी हमारा है,
घुटने टेकिए आपके पास क्या चारा है?
घुटने टेकिए आपके पास क्या चारा है?
कश्मीर शिकार करके उसे त्योहार कर दिया,
किस तरह जनता को सोच का बेकार कर दिया!
किस तरह जनता को सोच का बेकार कर दिया!
ईद किसको मुबारक करें, आवाज़ नदारद है,
"खुश होना है" तामील हो! सरकारी इबारत है!
"खुश होना है" तामील हो! सरकारी इबारत है!
सुना है सब आज़ाद हो गए,
क्या मजबूरी के आज हो गए?
क्या मजबूरी के आज हो गए?
बंटवारे के बीज बो दिए, बात एक कि करते हैं।
शैतान लोग ही बढ़चढ़ बात नेकी की करते हैं!
शैतान लोग ही बढ़चढ़ बात नेकी की करते हैं!
खुशी को मुल्तवी किया, चैन अगवा है,
ज़िंदगी सस्पेंशन में है, इंसानियत हज़ार कत्ल है!
ज़िंदगी सस्पेंशन में है, इंसानियत हज़ार कत्ल है!
सिपाही, बंदूक, कानून तमाम,
और आज़ादी ताकत की गुलाम!
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