नफ़रत के साथ प्यार भी कर लेते हैं,
यूं हर किसी को इंसान कर लेते हैं!
गुस्सा सर चढ़ जाए तो कत्ल हैं आपका,
पर दिल से गुजरे तो सबर कर लेते हैं!
बारीकियों से ताल्लुक कुछ ऐसा है,
न दिखती बात को नजर कर लेते हैं!
हद से बढ़कर रम जाते हैं कुछ ऐसे,
आपकी कोशिशों को असर कर लेते हैं!
मानते हैं उस्तादी आपकी, हमारी, पर
फिर क्यों खुद को कम कर लेते हैं?
मायूसी बहुत है, दुनिया से, हालात से,
चलिए फिर कोशिश बदल कर लेते हैं!
एक हम है जो कोशिशों के काफ़िर हैं,
एक वो जो इरादों में कसर कर लेते हैं!
मुश्किल बड़ी हो तो सर कर लेते हैं,
छोटी छोटी बातें कहर कर लेते हैं!
थक गए हैं हम(सफर) से, मजबूरी में
साथ खुद का दे, सबर कर लेते हैं!
पता नही कितना समझा,पर मां कसम मस्त लगा👌🏾
जवाब देंहटाएंजो नहीं समझा पूछ लो जी, और अपना नाम तो लिखो!
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