हम भी आतंकी हैं हम भी खूंखार हैं,
भयंकर हैं हम, हम भूत सर सवार हैं!
कातिल हैं हम, वहशी भी अपरंपार हैं,
हम ही शैतान हैं, हम कहां खबरदार हैं!
हम छप्पन नहीं बस, हम पैंसठ साठ हैं,
सत्तर पचहत्तर हैं हम नंबरदार हैं!!
बड़े काम के हैं हम जब हम बेकार हैं,
बोझ हैं जमीन पर, मिट्टी के गुनहगार हैं!
हम ही बंदूक हैं, टैंक हैं, उड़ती मिसाइल हैं,
आने वाली पीढ़ी को बड़ी घटिया मिसाल हैं!
हम भगवान भी हैं, हम ही अपने निजाम हैं,
हम से गलती नहीं होती, निष्कल आवाम हैं!
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