सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रंग तस्वीrरों के . . . .

सफ़र है पर मंजिल नहीं, मोड़ आये तो क्या कीजे
कामयाबी से क्या डरना, चलिए कुछ नया कीजे

मुश्किल  कुछ  नहीं 
नेक इरादों के काफिले चले,
बड़े भले से लोग मिले
यहाँ जोर से हवा चले,
चलो जरा मौसम बदलें



जागे  हो 
अब जगे हो तो दिन पर नज़र रखना,
मुस्तैद जरा रस्ते की खबर रखना
चलिए सुबह को तमाम करिए 
जिन्दगी को जाम करिए 
करवटें रात की अच्छी 
दिन में खुद को हैरान रखिये 
 
या सोये से  
अलसाये ख्वाब चाय की चुस्की लेते बैठे,
मिल जाएँ कहीं तो हमसफ़र रखना



या थोडा  खोये से 
सोच की खोज है या क्या खोजें ये सोच रहे
युहीं करवट बदली हैं, या नयी दिशाएं सोच रहे


कदम बड़ने दो, जमीं खुद तुम्हारे पैर धुंड लेगी 
दिशा दान सब भरम है रंग आपके करम है
सफ़र फकीरी का ऐसा, न ख़ुशी न गम है


नहीं तो फुर्रर्रर, हवा के साथ हो लेना 
उडने का वक्त है पंख फैलाओ, आगे की क्या सोच
जमीं पर कैसे होगी नए आसमानों की खोज


जरुरी नहीं हर कदम के निशां हों
तस्वीर बनते जरा वक्त लगेगा,
रंगों की खबर रखना
लकीरें है वक्त की गुलाम
अपने चलने को असर रखना

जागते रहो 
जिन्दगी आदत न बन जाये ये डर है 
वक्त करवट बदलेगा ये सबर है 
उम्मीद आसमान बनेगी ऐसी खबर है
तलाश जारी रखिये मुबारक आपका सफ़र है 

(उन लोगॊं के लिए जो रास्तों पर नहीं, रास्ते उनके पीछे चलते हैं)

टिप्पणियाँ

  1. "मुश्किल कुछ नहीं
    नेक इरादों के काफिले चले,
    बड़े भले से लोग मिले
    यहाँ जोर से हवा चले,
    चलो जरा मौसम बदलें"

    वाह! क्या बात है.. चलो जरा मौसम बदलें..
    इरादे नेक हो
    तो रास्ता खुद मिले,
    मौसम बदल जायेंगे
    जो हम साथ चले

    जवाब देंहटाएं
  2. हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पूजा अर्चना प्रार्थना!

अपने से लड़ाई में हारना नामुमकिन है, बस एक शर्त की साथ अपना देना होगा! और ये आसान काम नहीं है,  जो हिसाब दिख रहा है  वो दुनिया की वही(खाता) है! ऐसा नहीं करते  वैसा नहीं करते लड़की हो, अकेली हो, पर होना नहीं चाहिए, बेटी बनो, बहन, बीबी और मां, इसके अलावा और कुछ कहां? रिश्ते बनाने, मनाने, संभालने और झेलने,  यही तो आदर्श है, मर्दानगी का यही फलसफा,  यही विमर्श है! अपनी सोचना खुदगर्जी है, सावधान! पूछो सवाल इस सोच का कौन दर्जी है? आज़ाद वो  जिसकी सोच मर्ज़ी है!. और कोई लड़की  अपनी मर्जी हो  ये तो खतरा है, ऐसी आजादी पर पहरा चौतरफा है, बिच, चुड़ैल, डायन, त्रिया,  कलंकिनी, कुलक्षिणी,  और अगर शरीफ़ है तो "सिर्फ अपना सोचती है" ये दुनिया है! जिसमें लड़की अपनी जगह खोजती है! होशियार! अपने से जो लड़ाई है, वो इस दुनिया की बनाई है, वो सोच, वो आदत,  एहसास–ए–कमतरी, शक सारे,  गलत–सही में क्यों सारी नपाई है? सारी गुनाहगिरी, इस दुनिया की बनाई, बताई है! मत लड़िए, बस हर दिन, हर लम्हा अपना साथ दीजिए. (पितृसता, ग्लोबलाइजेशन और तंग सोच की दुनिया में अपनी ...

साफ बात!

  रोशनी की खबर ओ अंधेरा साफ नज़र आता है, वो जुल्फों में स्याह रंग यूंही नहीं जाया है! हर चीज को कंधों पर उठाना नहीं पड़ता, नजरों से आपको वजन नजर आता है! आग है तेज और कोई जलता नहीं है, गर्मजोशी में एक रिश्ता नज़र आता है! पहुंचेंगे आप जब तो वहीं मिलेंगे, साथ हैं पर यूंही नज़र नहीं आता है!  अपनों के दिए हैं जो ज़हर पिए है जो आपको कुछ कड़वा नज़र आता है! माथे पर शिकन हैं कई ओ दिल में चुभन, नज़ाकत का असर कुछ ऐसे हुआ जाता है!

एलिमेंट्स

  कोई लड़ाई नहीं है, हवा पानी पहाड़ में, जमीन आसमान में, आग और पानी में? पानी बुझा देता है, आग उड़ा देती है आपको लगता है ये लड़ाई है? खासी तंग सोच पाई है! यही सोच तहज़ीब बनी है, तरक्की का बीज बनी है, पीछे छोड़ देना, आगे जाने की शर्त है, ये कैसी यही कवायद है? आखिर सीखा क्या हमने, कुदरत से? पानी और आग की दोस्ती? जब साथ आते हैं,  हवा हो जाते हैं! हवा और पानी  जमीन की सवारी हैं, सदियों से ये सफर जारी है! कोई किसी से कम नहीं, न कोई किसी पर भारी! हर कोई वजह है,  जगह नहीं, पानी, हवा, आग, जमीन, कायनात के कलाकार हैं, कई प्रकार है, तमाम आकार हैं, और जहां जरूरी हो, शून्य, सिफर होने तैयार हैं! बड़ा छोटा, कम ज्यादा, आगे पीछे, ऊपर नीचे इस द्वंद, इस जंग में फंसे आप कब इन कलाकार से सीखेंगे??