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काम आसान

 
काम फकीरी का ज़रा आसान चाहिए,
क्यों दुआ मांगे के सुख सामान चाहिए!

क्यों लाउडस्पीकर पर भजन इबादत है
नेमत बरस रही है आपको कान चाहिए!

लॉटरी वाले का नाम भगवान चाहिए,
मन्नत पूरी होना ज़रा आसान चाहिए!





क्यों शोर मंदिर मस्ज़िद गिरजे में इतना है,
इतना बस काफी नहीं की हम इंसान हैं!

बस एक फ़िक्र की दोनों हाथ में लड्डू हों,
और हाथ फैला के कहते भगवान चाहिए?

क्यों हर काम आसान चाहिये,
कोशिशों में ज़रा जान चाहिए!

 

बुरे कामों को नाम भगवान चाहिये,
बगल में दबी छुरी को राम चाहिये!


सब अपनी अपनी नीयत के इंसान हैं,
सबको अपने हिस्से के भगवान चाहिये!

खुदा बँट गये हैं तमाम मज़हबों में,
सबको अपने हिस्से के इंसान चाहिये!


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