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स्वाति पुराण: शक संवत 2016 तिथि अप्रैल 24!

You think you know me?
जो नहीं दिखते वो रंग भी समाये हैं,
ज़िंदगी को हम यूँ नज़र आये हैं!
(I am more then the colors u see)


Get, not used to me
रोज की हमारी आदत मत डालिये, हाँ,
मुश्किलों में हम अक्सर काम आये हैं!
(I am a friend, not a newspaper)


Why does one always have to say something
हमारी ख़ामोशी एक मोटी किताब है,
मझ लीजे आप किस पन्ने आये हैं??
(My silence has 100 meanings, CONTEXT, please!)


Oh!hell 
खुद को ही हम ज्यादा परेशां करते हैं,
क्या मज़ाल जो कोई हमारे रास्ते आये है?
(I suffer not from your but my own opinion)


...what were u thinking....man!
प्यार किया है तो कान पकड़ खबर लेंगे,
आपस की बातों में हम कहाँ शर्माए हैं?
(Love is, what i expect from you, whats your game?)


Not first, not in q, I am still standing
हिसाब शौक नहीं फिर भी हिसाब है,
हम कहाँ कभी गिनतियों में आये हैं?
(I always suck at maths, and i am not in number game)


What utter poisonous nonsense
क्या देश, ये मज़हब ओ जात की बातें,
इस कीचड़ में हम नहीं हाथ लगाए हैं!
(O!my friends, spare me your poison, whatsapp or otherwise)



Look at me! Reflected!
आइनों के सामने हम भी खड़े होते हैं,
गोया, हर सूरत हम ही सामने आये हैं!!
(Did i say i am perfect, but here I am...and there....look at me, not at your opinion)💐🎂






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